फिर भी होली मुबारक हो

घर से बाहर निकलने पर पता चलता है कि सड़कों पर होली जैसा माहौल है। बच्चें आते जाते लोगों पर पानी या रंग का गुब्बारा डाल रहे है। बाज़ार में रंग, गुलाल, पिचकारी की दुकान पर भीड़ लगी है। तभी मन बचपन की ओर लौट जाता है। उस समय को याद करने लगते है, जब मैं भी बच्चों के साथ होली खेला करता था। मन हर्षित हो जाता है। याद है, गाँव का वह दृश्य जब लोग टोली बनाकर ढोलक- झाल के साथ होली गाया करते थे। पूरा फागुन महीना ही होली के रंग में रंगीन रहता था। सामाजिक सौहार्द का यह एक अनूठा नमूना था। वैसे इस तरह के दृश्य भले ही यहाँ दिल्ली में देखने को न मिले पर आज भी गाँवों...

श्याम की फाग लीला

यह कोई भगवान श्री श्यामसुंदर की लीला का वर्णन नहीं है। यह है,बिहार के जे. डी. यू. विधायक श्याम बहादुर सिंह की लीला का गुणगान। यह कहानी पिछले शनिवार की है। रविवार (२० फरवरी ) को पटना में नीतीश जी ने महादलित रैली का आयोजन किया था। रात में भीड़ का मनोरंजन करने के लिए विधायक जी ने अपने सरकारी आवास पर बाहर से बुलाई गई बार बालाओं का डांस प्रोग्राम रखा। अब इन सुंदरियों का नृत्य देख कर श्याम का मन मयूर भी नाच उठा। वे अपने आप को रोक नहीं सके। विधायक जी ख़ुद श्याम हो गए और गोपियाँ तो आयातित थी ही। अब क्या था,श्याम का ठुमका लगने लगा। इस दौरान रूठने मनाने...

Trapping Muslims in Reservation Politics

A seven judge bench of the Andhra high court gave a judgment on Muslim’s reservation recently. This is third time in Andhra where high court has struck down the religion based reservation which tantamount to violation of constitutional prohibition of discrimination based on religion.Issuing an ordinance Govt. of Andhra provided the 4% reservation to certain groups within the Muslims designated as other Muslim groups .It has two main clues within itself. First to cope with 50% cap imposed by the supreme court in Indra Sawhney Vs Union of India...

लापतागंज से रनिंग कमेंट्री

वैसे तो लापतागंज का पता सिर्फ शरद जोशी को ही है। लेकिन सब टी. वी. पर दिखाया जाने वाला यह धारावाहिक काफी लोकप्रिय हो गया है। पिछले दिनों इस धारावाहिक में कबड्डी के खेल पर आधारित कुछ कहानियों को दर्शाया गया । यह काफी प्रासंगिक लग रहा था । इस में दिखाया गया की किस तरह से राष्ट्रीय कबड्डी टीम के साथबरताव किया जा रहा है । उन खिलाड़ियों के साथ खिलाड़ी जैसा नहीं बल्कि भिखारी जैसा बरताव किया जा रहा है। उनको कोई स्पोंसर नहीं मिलने पर खाने के नाम पर ब्रेड और केला मिल रहा है। दूसरी तरफ खिलाड़ी भी टीम और देश के लिए नहीं बल्कि खुद के लिए खेल रहे...

लो, फिर आया ये प्रेम दिवस

Valentine day आया है। प्रेम प्रदर्शन का अनोखा दिवस । सड़कों के किनारे फूल वालों की चाँदी ही चाँदी है। गुलाब के फूल सैकड़ों रुपये में बिक रहे है । गिफ्ट खास कार चोकलेट्स,सोफ्ट टोयस आदि कीबिक्री खूब हो रही है। खैर ,मुझे Valentine day के अर्थशाश्त्र में नहीं जाना है। मै तो बस इतना जानना चाहता हू Valentine day क्यों । मै १४ फरवरी के इतिहास में भी नहीं जाना चाहता हू। सब को पता है । क्या प्रेम प्रदर्शन को किसी खास दिवस की आवश्यकता है । और लाख टके का सवाल यह है कि क्या प्रेम को सहीमें किसी खास दिवस और प्रदर्शन कि जरुरत है? प्रेम ,अंतर्मन...

Students agitation in Bihar

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Politics of Bt brijal

Issues of Bt brinjal is being warmly debated .It is India’s first genetically modified food crop which on moratorium now .Bt brinjal is created by inserting a gene from the soil bacterium Bacillus thuringenesis .It will protect plant from a very common pest of brinjal Shoot and Fruit borer .But it is being opposed by several NGOs ,farmer groups, scientists etc But question arises why NO TO Bt BRINJAL ? India is second largest producer of brinjal after China. India produces 85 lakh metric ton brinjal per annum...

मुंबई मेरी जान

पिछले कुछ दिनों से मुंबई की चर्चा जोर पर है। सवाल हो रहे है कि मुंबई किसकी है। मेरा कहना है ,सवाल पूछे ही क्यों जा रहे है। आज जब राहुल गाँधी से लेकर RSS तक सब लोग मुंबई को संपूर्ण राष्ट्र का अंग मानते है। कल वही लोग उत्तर भारतीयों के पीटे जाने पर चुप क्यों थे। वोट बैंक पोलिटिक्स ही इसका कारण है। जब महाराष्ट्र में चुनाव होते है ,तब मराठी राग अलापा जाता है। जब बिहार में ,तब उत्तर भारतीयों का । मुंबई ही नहीं संपूर्ण भारत सबों के लिए है। गन्दी राजनीति देश को तोड़ने का काम कर रही है। अपनी रोटी सेंकने के लिए हमारे चूल्हे...