गणतंत्र दिवस आया है. हम सब लोग धूम मचा रहें है .चारो तरफ जय जय कार है.पर गण की भी अपनी कथा है.उसकी व्यथा है .पर कीसको उसकी पड़ी है .अभी तो उसकी संख्या पर भी वीवाद है .सक्सेना कमिटी कुछ और कहती है ,तो तेंदुलकर कमिटी कुछ और .प्लानिंग कमिटी तो बल्ले बल्ले . गण ,तंत्र व्यवस्था में तो है ही नहीं .गण की पीड़ा को महसूस करने का दिवस है गणतंत्र दिवस .शान पट्टी तो हम दिखाते ही रहते है। अभी न पाकिस्तान को IPL में दिखाया है .ऑपरेशन पराक्रम में भी दिखा कर छोड़ दिया था .राजपथ पर भी आज दिखया गया है .आगे देखते है, इस दिखने दीखाने के खेल में गण को कौन देखता है
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1 comments:
kya khub kahi